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कृषि सांख्यिकी प्रभाग

कृषि सांख्यिकी (एएस) प्रभाग, अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) प्रत्येक कृषि वर्ष जुलाई-जून) के लिए देश की 28 प्रमुख कृषि फसलों और 3 छोटी फसलों के अंतिम अनुमान के पश्चात 28 प्रमुख कृषि फसलों के उत्पादन के चार अग्रिम अनुमान (एई) जारी करता है। यह प्रत्येक पाँच अनुमान राज्य-वार और राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध है। इनमें से प्रत्येक अनुमान के तहत रिलीज और कवरेज का समय निम्नानुसार है: –

  • प्रथम अग्रिम अनुमान सितंबर में जारी किया जाता है जब खरीफ की बुवाई सामान्यत: समाप्त हो जाती है। इसमें केवल खरीफ फसलों को कवर किया जाता है।
  • दूसरा अग्रिम अनुमान अगले वर्ष फरवरी में जारी किया जाता है जब रबी की बुवाई भी खत्म हो जाती है। दूसरा अग्रिम अनुमान खरीफ के साथ-साथ रबी फसलों को कवर करता है। वे खरीफ फसलों की उपज के आकलन के साथ-साथ रबी फसलों के क्षेत्र कवरेज पर अस्थायी आंकड़ों के लिए फसल कटाई प्रयोगो पर उपलब्ध डेटा के साथ-साथ खरीफ क्षेत्र कवरेज के अंतिम आंकड़ों को ध्यान में रखते हैं।
  • तीसरा अग्रिम अनुमान रबी फसलों के लिए क्षेत्र कवरेज पर संशोधित डेटा और खरीफ फसलों के बेहतर उपज अनुमानों को शामिल करता है। इन्हे अप्रैल-मई में जारी किया जाता हैं।
  • चौथा अग्रिम अनुमान जुलाई-अगस्त में जारी किया जाता है। इस समय तक राज्यों के पास खरीफ और रबी फसलों के क्षेत्र के साथ-साथ पैदावार पर पूर्णत: अंतिम डेटा उपलब्ध होना अपेक्षित होता है। और इस प्रकार, चौथे अग्रिम अनुमान अंतिम अनुमान के बहुत समीप होने की उम्मीद होती है।
  • अंतिम अनुमान अगले वर्ष के फरवरी में चौथे अग्रिम अनुमानों के लगभग सात माह पश्चात जारी किए जाते हैं। यह राज्यों को पर्याप्त समय देता है कि वे विभिन्न फसलों के क्षेत्र और उपज के अनुमानों को अंतिम रूप देते समय विलंबित जानकारी को भी ध्यान में रखें।

अनुमानों में शामिल 28 प्रमुख फसलें हैं:- चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, जौ, छोटा  बाजरा, तूर (अरहर), चना, उड़द, मूंग, मसूर, अन्य खरीफ दलहन, अन्य रबी दलहन, मूंगफली, रेपसीड तथा सरसो, सोयाबीन, रामतिल, अरंडी बीज, सूरजमुखी, कुसुम्भ, अलसी, सेसामम, गन्ना, कपास, पटसन और मेस्ता। इसके अतिरिक्त 3 लघु फसलों नामतः तंबाकू , ग्वारसीड और सनहैंप के अनुमान  भी अंतिम अनुमान मे शामिल किया गया है ।

अखिल भारतीय स्तर पर कृषि अनुमान राज्य सरकारों द्वारा तैयार किए गए क्षेत्र, उत्पादन और उपज पर फसल-वार आंकड़ों के आधार पर तैयार किए जाते हैं। इस उद्देश्य के लिए, राज्य सरकारों ने अपने एक विभाग को जैसे कृषि/भूमि रिकॉर्ड विभाग अथवा अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय को राज्य कृषि सांख्यिकी प्राधिकरण (एसएएसए) के रूप में नामित किया है। एसएएसए क्षेत्र, उत्पादन और उपज पर जिलेवार आंकड़ों के आधार पर राज्य स्तर के अनुमानों को अंतिम रूप देते हैं। जिला स्तर पर, एसएएसए और राजस्व विभाग के अधिकारियों के बीच प्रभावी सहभागिता की एक प्रणाली है।

अखिल भारतीय स्तर के अनुमानों को अंतिम रूप देते समय, राज्य सरकारों से प्राप्त क्षेत्र, उत्पादन और उपज पर फसल-वार डेटा की क्षेत्र, उत्पादन और उपज पर वैकल्पिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पूरी तरह से जांच की जाती है अर्थात साप्ताहिक फसल मौसम निगरानी समूह (सीडब्ल्यूडब्ल्यूजी) की बैठक से प्राप्त इनपुट, महालोनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केन्द्र (एमएनसीएफसी), नई दिल्ली से प्राप्त पूर्वानुमान, आर्थिक विकास संस्थान (आईईजी), नई दिल्ली से प्राप्त रिपोर्ट और वर्षा की स्थिति, फसल-वार क्षेत्र में पिछली प्रवृत्ति , संबंधित राज्यों में उत्पादन और पैदावार, जिन्स-वार कींमतो की प्रवृत्ति, खरीददारी इत्यादि।

अंतिम अद्यतन : 19-04-2023, 12:36 अपराह्न